Chandragupta Maurya Serial All Episodes (1 to 105) | चंद्रगुप्त मौर्य अंतिम एपिसोड (106 से 124) कहानी

चंद्रगुप्त मौर्य 2011 में  Imagine TV पर टीवी पर शुरू हुआ था। अचानक 12 अप्रैल 2012 को, यह घोषणा की गई थी कि  Imagine TV बंद हो जाएगा। क्योंकि चैनल प्रतिद्वंद्वी हिंदी मनोरंजन चैनलों से प्रतिस्पर्धा के बीच रेटिंग्स के लिए संघर्ष कर रहा था। जहां इसे नए लॉन्च किए गए लाइफ ओके द्वारा भी हराया गया था। हालांकि इसके सभी व्यवसाय। परिचालन तत्काल प्रभाव से बंद हो जाएगा, चैनल 13 अप्रैल से फिर से जारी रहेगा, जब तक कि आधिकारिक दायित्व समाप्त नहीं हो जाते और यह प्रसारण पूरी तरह से बंद नहीं कर सकता।

Chandragupta Maurya

भारत में आधी रात को 11 मई 2012 को टीवी बंद करने की कल्पना करें। चैनल बंद होने से पहले प्रसारित होने वाला आखिरी कार्यक्रम किटानी मोहब्बत है। कार्यक्रम समाप्त होने के ठीक बाद चैनल ने "सेवा वर्तमान में तले हुए है" दिखाना शुरू कर दिया। 12 मई, 2012 तक, चैनल को सभी ऑपरेटरों से सफलतापूर्वक हटा दिया गया। इमेजिन टीवी की वेबसाइट भी बंद कर दी गई थी और इसके YouTube चैनल से सभी एपिसोड और प्रोमो हटा दिए गए थे। 

सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य का संक्षिप्त परिचय

सम्राट चन्द्रगुप्त महान थे। सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के गुरु चाणक्य थे। चन्द्रगुप्त मौर्य प्राचीन भारत में मौर्य साम्राज्य के संस्थापक थे। उन्हें देश के छोटे खंडित राज्यों को एक साथ लाने और उन्हें एक ही बड़े साम्राज्य में मिलाने का श्रेय दिया जाता है। उनके शासनकाल के दौरान, मौर्य साम्राज्य पूर्व में बंगाल और असम से, पश्चिम में अफगानिस्तान और बलूचिस्तान से लेकर उत्तर में कश्मीर और नेपाल तक और दक्षिण में दक्कन के पठार तक फैला था।

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चंद्रगुप्त मौर्य, अपने गुरु चाणक्य के साथ, नंद साम्राज्य को समाप्त करने के लिए जिम्मेदार थे। लगभग 23 वर्षों के सफल शासन के बाद, चंद्रगुप्त मौर्य ने सभी सांसारिक सुखों को त्याग दिया और खुद को एक जैन भिक्षु में बदल दिया। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने 'सललेखन' का प्रदर्शन किया, जो कि मृत्यु तक उपवास का एक अनुष्ठान था, और इसलिए उनकी खुद की जिंदगी समाप्त हो गई।

चंद्रगुप्त मौर्य के बारे में

  • जन्मतिथि: 340 ई.पू.
  • जन्म स्थान: पाटलिपुत्र
  • शासनकाल: 321 ईसा पूर्व से 298 ईसा पूर्व तक
  • पति-पत्नी: दुधारा, हेलेना
  • बच्चा: बिन्दुसार
  • उत्तराधिकारी: बिन्दुसार
  • पिता: सर्वार्थसिद्धि
  • माँ: मुरा
  • पोते: अशोक, सुसिमा, वीतशोका
  • गुरु: चाणक्य

Chandragupta Maurya Serial Episodes [1 to 100]

  1. [Episode 1] 11th March 2011
  2. [Episode 2] 12th March 2011
  3. [Episode 3] 18th March 2011
  4. [Episode 4] 19th March 2011
  5. [Episode 5] 25th March 2011
  6. [Episode 6] 26th March 2011
  7. [Episode 7] 1st Aprl 2011
  8. [Episode 8] 2nd April 2011
  9. [Episode 9] 8th April 2011
  10. [Episode 10] 9th April 2011
  11. [Episode 11] 15th April 2011
  12. [Episode 12] 16th April 2011
  13. [Episode 13] 22nd April 2011
  14. [Episode 14] 23rd April 2011
  15. [Episode 15] 29th April 2011
  16. [Episode 16] 30th April 2011
  17. [Episode 17] 6th May 2011
  18. [Episode 18] 7th May 2011
  19. [Episode 19] 13th May 2011
  20. [Episode 20] 14th May 2011
  21. [Episode 21] 20th May 2011
  22. [Episode 22] 21st May 2011
  23. [Episode 23] 27th May 2011
  24. [Episode 24] 28th May 2011
  25. [Episode 25] 3rd June 2011
  26. [Episode 26] 4th June 2011
  27. [Episode 27] 10th June 2011
  28. [Episode 28] 11th June 2011
  29. [Episode 29] 17th June 2011
  30. [Episode 30] 18th June 2011
  31. [Episode 31] 24th June 2011
  32. [Episode 32] 25th June 2011
  33. [Episode 33] 1st July 2011
  34. [Episode 34] 2nd June 2011
  35. [Episode 35] 8th July 2011
  36. [Episode 36] 9th July 2011
  37. [Episode 37] 15th July 2011
  38. [Episode 38] 16th July 2011
  39. [Episode 39] 22nd July 2011
  40. [Episode 40] 23rd July 2011
  41. [Episode 41] 29th July 2011
  42. [Episode 42] 30th July 2011
  43. [Episode 43] 5th August 2011
  44. [Episode 44] 6th August 2011
  45. [Episode 45] 12th August 2011
  46. [Episode 46] 13th August 2011
  47. [Episode 47] 19th August 2011
  48. [Episode 48] 20th August 2011
  49. [Episode 49] 26th August 2011
  50. [Episode 50] 27th August 2011
  51. [Episode 51] 2nd September 2011
  52. [Episode 52] 3rd September 2011
  53. [Episode 53] 9th September 2011
  54. [Episode 54] 10th September 2011
  55. [Episode 55] 16th September 2011
  56. [Episode 56] 17th September 2011
  57. [Episode 57] 23rd September 2011
  58. [Episode 58] 24th September 2011
  59. [Episode 59] 30th September 2011
  60. [Episode 60] 1st October 2011
  61. [Episode 61] 7th October 2011
  62. [Episode 62] 8th October 2011
  63. [Episode 63] 14th October 2011
  64. [Episode 64] 15th October 2011
  65. [Episode 65] 21st October 2011
  66. [Episode 66] 22nd October 2011
  67. [Episode 67] 28th October 2011
  68. [Episode 68] 29th October 2011
  69. [Episode 69] 4th November 2011
  70. [Episode 70] 5th November 2011
  71. [Episode 71] 11th November 2011
  72. [Episode 72] 12th November 2011
  73. [Episode 73] 18th November 2011
  74. [Episode 74] 19th November 2011
  75. [Episode 75] 25th November 2011
  76. [Episode 76] 26th November 2011
  77. [Episode 77] 2nd December 2011
  78. [Episode 78] 3rd December 2011
  79. [Episode 79] 9th December 2011
  80. [Episode 80] 10th December 2011
  81. [Episode 81] 16th December 2011
  82. [Episode 82] 17th December 2011
  83. [Episode 83] 23rd December 2011
  84. [Episode 84] 24th December 2011
  85. [Episode 85] 30th December 2011
  86. [Episode 86] 31st December 2011
  87. [Episode 87] 6th January 2012
  88. [Episode 88] 7th January 2012
  89. [Episode 89] 13th January 2012
  90. [Episode 90] 14th January 2012
  91. [Episode 91] 20th January 2012
  92. [Episode 92] 21st January 2012
  93. [Episode 93] 27th January 2011
  94. [Episode 94] 28th January 2012
  95. [Episode 95] 3rd February 2012
  96. [Episode 96] 4th February 2012
  97. [Episode 97] 11th February 2012
  98. [Episode 98] 18th February 2012
  99. [Episode 99] 25th February 2012
  100. [Episode 100] 3rd March 2012
Chandragupta Maurya Serial All Episodes

Chandragupta Maurya  Episode [101 to 105]

101. [Episode 101]
102. [Episode 102]
103. [Episode 103]
104. [Episode 104]
105. [Episode 105] 

Chandragupta Maurya Last Episode [106 to 124] Story

चंद्रगुप्त मौर्य तक्षशिला और गंधार का राजा बनने के बाद आसपास के छोटे राज्यों को अपने राज्य में मिलाना शुरू कर देता है और सिकंदर के बचे कुचे सैनिकों को भारत से भगा देता है। अपना राज्य विस्तार करने के लिए वो साम , दाम , दंड और भेद की नीति अपनाता है। 

साम का अर्थ है विरोधी से बातचीत करके , अगर बातचीत से काम ना बने दो दाम की नीति से , अर्थात् धन देकर । अगर साम और दाम से काम ना बनें तो दंड अर्थात् सेना का प्रयोग करके । भेद की नीति का प्रयोग करके वो अपने विरोधियों को कभी भी एक नही होने देता।

चंद्रगुप्त जब उत्तर - पश्चिमी भारत के सभी राज्यों को जीत लेता है तो फिर वो मगध को जीतने की तैयारी करते है । उस समय भी चंद्रगुप्त की सेना की शक्ति धनानंद के कम ही होती है। 

धनानंद के पास लगभग 2 लाख पैदल सेना , 20 हज़ार घोड़सवार , 3 हज़ार रथ और 2 हज़ार हाथी होते है । चाणक्य फैसला करते है कि वो धनानंद की सेना को बांट कर उसे अलग - अलग युद्धों में हराएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो छापामार हमला भी करेंगे। वो अपने कई गुप्तचरों को पहले ही धनानंद की सेना में भरती करवा देते है। 
अमात्य राक्षस से चुराई हुई राजमुद्रिका का प्रयोग करके वो धनानंद के सेनापति भद्रशाल के पास धनानंद के नाम से यह संदेश भिजवा देते है कि वो अपनी सेना को लेकर ब्यास नदी पर पहरा लगवा लें क्योंकि उन्हें सूचना मिली है कि चंद्रगुप्त उनके राज्य पर हमला करने वाला है । 

इस तरह से धनानंद के पास आधी से भी कम सेना रह जाती है क्योंकि वो अपनी ज्यादातर सेना को भद्रशाल के साथ भेज देता है ।

उधर चंद्रगुप्त भद्रसाल का ध्यान बटाने के लिए अपने कुछ हज़ार सैनिकों को शशांक के साथ ब्यास नदी के किनारे भेज देता ताकि भद्रसाल को लगे कि वो उन पर हमला करने वाले है । चंद्रगुप्त किसी और रास्ते से अपनी बड़ी सेना लेकर पाटलीपुत्र की ओर निकल पड़ता है । 

इधर जब व्यास नदी के किनारे शशांक के नेतृत्व में चंद्रगुप्त की छोटी सी सेना भद्रसाल का ध्यान बटाएं हुए होती है तो उधर चंद्रगुप्त पाटलीपुत्र पर हमला कर देता है । धनानंद की सेना में मौजूद चाणक्य के गुप्तचर धनानंद की सेना को धनानंद के विरूद्ध भड़काने का काम करते है । 

धनानंद की समर्थक सेना कमज़ोर पड़ जाती है और वो युद्ध हार जाती है । उधर जब इस बात का पता भद्रसाल को चलता है तो फौरन पाटलीपुत्र की ओर दौड़ता है पर धनानद की पुत्री और चंद्रगुप्त की प्रेमिका दुरधरा उसे और आचार्य सुखदेव को मरवा देती है । 

मगध की सेना के ज्यादातर सेनापतियों को चाणक्य चालाकी से मरवा देते है और अपने गुप्तचरों से कहते है कि वो लगातार मगध की सेना को धनानंद के अत्याचारों के विरुद्ध भड़काते रहें । इसके बाद मगध के ज्यादातर सैनिक चंद्रगुप्त के साथ हो जाते है और उसे अपना राजा मान लेते है । 

मगध पूरी तरह से चंद्रगुप्त के राज में आ जाता है । चंद्रगुप्त आचार्य चाणक्य के सामने धनानंद का कत्ल कर देता है और चाणक्य अपनी शिखा बांधते है । इसके बाद चंद्रगुप्त धुरधरा से शादी कर लेता है ।

मगध को अपने राज्य में मिलाने के बाद चंद्रगुप्त वंग प्रदेश ( बांग्लादेश ) और दक्षिण के राज्यों को जीतना शुरू कर देता है । इसके बाद आता है 305 ईसापूर्व का वो समय जब सिकंदर का सेनापित सैल्युकस सिकंदर की भारत विजय को पूरी करने के लिए भारत पर हमला करता है । 

जिस समय सिकंदर भारत पर हमला करता है उस समय भारत कई छोटे राज्यों में बंट चुका होता है , पर सैल्युक्स के हमले के समय स्थिती बिलकुल विपरीत होती है । पूरे उत्तर भारत पर एक शक्तिशाली राजा राज कर रहा होता है चंद्रगुप्त । सिंधु नदी के किनारे सैल्युक्स यवन और चंद्रगुप्त की भारतीय सेना के बीच भयंकर युद्ध होता है जिसमें यवनो के छक्के छुड़ा दिए जाते है । सैल्युक्स को संधि करने पर मजबूर होने पड़ता है । 

चंद्रगुप्त अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के कई हिस्से यवनों से वापिस मांग लेता है और सैल्युक्स की एक पुत्री हेलेना का विवाह भी अपने साथ करवाता है । बदले में चंद्रगुप्त 500 हाथी सैल्युक्स को भेट करता है । लगभग 70 फीसदी अखंड भारत को जीतने बाद 298 ईसापूर्व में महज 42 साल की उम्र में चंद्रगुप्त सब कुछ त्यागकर मगध की गद्दी अपने पुत्र बिंदुसार को सौंप देते है और जैन मुनि बन जाते है । 

चंद्रगुप्त कनार्टक राज्य में श्रवणबेलगोल स्थान पर अन – जल त्याग कर इस संसार से चले जाते है और अपने पीछे छोड़ जाते है एक अमर इतिहास । महाराज चंद्रगुप्त का राज्य उत्तर - पश्चिम भारत में अफ़गानिस्तान से लेकर पूर्व में आसाम तक और दक्षिण में गोदावरी तक फैला हुआ था । इसके बाद उनके पुत्र बिंदुसार और पोते अशोक ने भी राज्य की सीमा में विस्तार किया और यह उस समय तक का सबसे बड़ा भारतीय साम्राज्य था।

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